एक सदी की दूरी थी जो ख़त्म नहीं हो सकी। वह सदी जो मोहब्बत की रौशनी से जली थी, अब अंधकार से घिरी थी। यह कहानी है एक आदमी की, जिसके दिल में दर्द उत्पन्न हो गया।
राहुल एक आम आदमी था, जिसका जीवन प्यार और खुशियों से भरा था। उसकी दुल्हन जैसी पत्नी, प्यार भरी बच्ची और सच्चे दोस्तों की वजह से उसका जीना ख़ास था। परिवार के बीच खुशहाली के लम्हों में भी, एक अनहोनी हो गई।
एक दिन राहुल को एक दुर्घटना की ख़बर मिली। उसकी पत्नी और बच्ची की मौत हो गई थी। उसकी दुनिया एकदम सांसों से रंग उड़ा गई थी। वह तनहा हो गया, बिना किसी आशा के।
दिन रात उसकी आँखों में आंसू नहीं थम रहे थे। दिल बहुत बेचैन था, जैसे कोई ख़ाली साँसें उसके सीने में सदा रह गई हों। उसे लगता था कि उसके साथ सब चले गए हैं, और अब उसका जीवन किसी मतलब की ख़ातिर नहीं है।

समय बीतता रहा, लेकिन राहुल ने कभी अपनी पत्नी और बच्ची की यादें नहीं छोड़ीं। वह अकेलापन के दरिया में अपनी प्रेमिका के साथ दूसरे शहर में रहने का फैसला कर लिया। वह सोचता था कि यह उसे भूलने का एक मार्ग होगा, लेकिन यह उसे कुछ नहीं बदला।
उसके पास वह अकेलापन था, जिसे कोई भी समझ नहीं सकता था। राहुल जीवन के सभी आराम और सुख को खो दिया था, और वह सिर्फ अपनी अधूरी यादों के साथ अकेला रह गया। उसकी आंखों में खुशियों की जगह अब दर्द बसा हुआ था।
समय बितता रहा, लेकिन राहुल का दिल अभी तक वोही था, जिसे उसने खो दिया था। वह रोज़ अपनी पत्नी और बच्ची की यादों में खो जाता था, जैसे उनकी रूहें उसके साथ हों।
आज भी राहुल अकेला है, दर्द में झूलता है, और उसके दिल में उसकी पत्नी और बच्ची की यादें सदा रहेंगी। उसकी कहानी एक अधूरी कहानी है, जो इंसान को उसकी सबसे महत्वपूर्ण कीमत के बारे में समझाती है – प्यार की।
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